जो जागता है अंधियारी रातों में ये वही किसान है। जो जागता है अंधियारी रातों में ये वही किसान है।
किसी वज़ीर को सिंहासन तक उनकी लाशों पर चढ़ाकर पहुंचाने के लिए। किसी वज़ीर को सिंहासन तक उनकी लाशों पर चढ़ाकर पहुंचाने के लिए।
रोकता नहीं कोई डगर ही इनका कैसा इस देश का संविधान देखिए। रोकता नहीं कोई डगर ही इनका कैसा इस देश का संविधान देखिए।
किसान आंदोलन बना,किस करवट थमेगा। अब शासन की रार में,आम जन फंसेगा। किसान आंदोलन बना,किस करवट थमेगा। अब शासन की रार में,आम जन फंसेगा।
नहीं पढा किसी अखबार में और न ही कभी शामिल हुईं वे किसी चर्चा गोष्ठी में। नहीं पढा किसी अखबार में और न ही कभी शामिल हुईं वे किसी चर्चा गोष्ठी में।
चाहे किसान भगवान का चलता हुआ आंदोलन हो चाहे किसान भगवान का चलता हुआ आंदोलन हो